शनिवार, 27 जुलाई 2024

भोजन करने से दस मिनट पहले अदरक के छोटे से टुकडे को सेंधा नमक में लपेट कर,नमक थोड़ा ज्यादा मात्रा में लें , अच्छी तरह से चबा लें। दिन में दो बार इसे अपने भोजन के  साथ प्रयोग  करें , इससे हृदय मजबूत और स्वस्थ बना रहेगा, दिल से सम्बंधित कोई बीमारी नहीं होगी और निराशा व अवसाद से भी मुक्ति मिल जाएगी

 विटामिन का राजा 'अखरोट' खाने के तमाम फायदों के बारे में आप सभी अच्छे से जानते होंगे। कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन, फास्फोरस, कॉपर, सेलेनियम और प्रोटीन से भरपूर अखरोट कई बीमारियों से निजात दिलाने में मदद करता है। अखरोट को खाने से कुछ घंटों पहले अगर इसके भिगो कर रख दें तो इसके फायदे कई गुणा बढ़ जाते हैं।


अखरोट के औषधीय गुण के कारण इसके सेवन से कई स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं। यह कई रोग को दूर रखने और उसके इलाज में मदद कर सकता है, जो इस प्रकार है:


1. दिल के स्वास्थ्य के लिए

एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर पब्लिश एक वैज्ञानिक अध्ययन के मुताबिक, अखरोट खाने के फायदे हृदय को स्वस्थ बनाए रखने में मददगार साबित हो सकते हैं (1)। एक अन्य शोध में बताया गया है कि इसमें पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड होता है, जो हृदय प्रणाली के लिए फायदेमंद होता है। इसके अलावा, जिन्हें उच्च रक्तचाप की समस्या होती है, उनके लिए भी अखरोट लाभकारी होता है। यहां बता दें कि पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड शरीर से खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करके अच्छे कोलेस्ट्रॉल के निर्माण में मदद करता है, जिससे हृदय को स्वस्थ रखने में मदद मिल सकती है (2)।


2. मस्तिष्क के लिए


अखरोट के औषधीय गुण को लेकर एक रिसर्च की गई, जिससे पता चलता है कि इसके सेवन से मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में सुधार हो सकता है। इस रिसर्च के मुताबिक, अखरोट में भरपूर मात्रा में ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है, जो मस्तिष्क के कार्य (ब्रेन फंक्शन) पर लाभकारी प्रभाव डाल सकता है (3)। फिलहाल, इस पर और शोध की आवश्यकता है, ताकि यह पूरी तरह स्पष्ट हो जाए कि ओमेगा-3 ब्रेन फंक्शन पर किस तरह से काम करता है।


3. कैंसर के लिए


कैंसर जैसी घातक समस्या को दूर रखने में अखरोट फायदेमंद साबित हो सकता है। एक मेडिकल रिसर्च के अनुसार, अखरोट में एंटीकैंसर प्रभाव पाया जाता है। एंटीकैंसर प्रभाव के कारण कैंसर के ट्यूमर को पनपने से रोक सकता है। यह जानकारी एनसीबीआई की वेबसाइट पर उपलब्ध एक रिसर्च पेपर में दी गई है (4)। वहीं, अगर कोई कैंसर से पीड़ित है, तो उसे डॉक्टर से उचित इलाज करवाना चाहिए। सिर्फ घरेलू उपचार के जरिए कैंसर को ठीक करना संभव नहीं है।


4. हड्डियों के लिए


हड्डियों को मजबूती प्रदान करने के लिए भी अखरोट का सेवन किया जा सकता है। दरअसल, अल्फा लिनोलेनिक एसिड युक्त खाद्य पदार्थ के सेवन से हड्डियों को मजबूती मिलती है और जिन खाद्य पदार्थ में यह एसिड होता है, उनमें अखरोट भी शामिल है। इसके अलावा, अखरोट में कैल्शियम और विटामिन-डी भी पाया जाता है, जो हड्डियों को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी होता है (5)। ऐसे में कहा जा सकता है कि वालनट खाने के फायदे में हड्डियों को स्वस्थ रखना भी शामिल है।


5. वजन कम करने के लिए

वजन को कम करने में भी अखरोट का सेवन फायदेमंद साबित हो सकता है। एक वैज्ञानिक अध्ययन से प्राप्त निष्कर्ष से यह पता लगता है कि अखरोट के सेवन से वजन घटाने में मदद मिल सकती है। इस तथ्य की पुष्टि एनसीबीआई पर उपलब्ध रिसर्च पेपर से होती है (6)। फिलहाल, इस पर अभी और शोध की आवश्यकता है।


6. गर्भावस्था

एक वैज्ञानिक शोध से पता चलता है कि गर्भावस्था के दौरान अखरोट का सेवन लाभकारी सिद्ध हो सकता है। इस शोध के मुताबिक अखरोट में पाए जाने वाले फैटी एसिड, विटामिन ए और ई होने वाले शिशु के मानसिक विकास में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा, अखरोट में भरपूर मात्रा में फेनोलिक कंपाउंड (यौगिक) पाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य पर लाभकारी प्रभाव डालने का काम कर सकते हैं। साथ ही इसमें एंटीकॉन्वेलसेंट, न्यूरोप्रोटेक्टिव और एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं। अखरोट में प्रोटीन, पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड (PUFA) और टोकोफेरॉल्स की भी समृद्ध मात्रा पाई जाती है (7)।


7. लो ब्लड प्रेशर के लिए

उच्च रक्तचाप की स्थिति में हृदय संबंधी रोग होने का जोखिम बना रहता है। ऐसे में उच्च रक्तचाप की समस्या को दूर रखना बेहतर होगा। इसके लिए अखरोट का सेवन करना अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। एक शोध के अनुसार, अखरोट का सेवन उच्च रक्तचाप को कम करने का काम कर सकता है, जिससे हृदय से जुड़े जोखिम को दूर रखने में मदद मिल सकती है (8)। फिलहाल, इस पर और शोध की आवश्यकता है, ताकि रक्तचाप करने वाले पोषक तत्वों की जानकारी मिल सके।


8. प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए

प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) के मजबूत होने पर कई बीमारियों को दूर रखने में मदद मिल सकती है। इसे मजबूत करने में अखरोट के गुण सहायक साबित हो सकते हैं। दरअसल, अखरोट में मौजूद प्रोटीन में इम्यूनोमॉड्यूलेटरी प्रभाव पाए जाते हैं, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए जाने जाते हैं (9)।


9. बेहतर नींद और तनाव से राहत पाने के लिए

अखरोट का सेवन करने से तनाव और नींद की समस्या से छुटकारा मिल सकता है। दरअसल, अखरोट में विटामिन-बी6, ट्रिप्टोफैन, प्रोटीन और फोलिक एसिड जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो तनाव से छुटकारा दिलाने का काम कर सकते हैं। इसके अलावा, इसमें मौजूद ओमेगा 3 फैटी एसिड मूड को बेहतर करने का काम कर सकता है, जिससे अच्छी नींद आ सकती है। अखरोट ओमेगा 3 एसेंशियल फैटी एसिड और यूरिडीन का प्रमुख स्रोत है। ओमेगा 3 फैटी एसिड और यूरिडीन की मौजूदगी के कारण अखरोट में प्राकृतिक एंटीडिप्रेसेंट प्रभाव होता है (10)।


10. डायबिटीज

मधुमेह जैसी समस्या में अखरोट का सेवन लाभकारी साबित हो सकता है। एनसीबीआई द्वारा प्रकाशित एक वैज्ञानिक शोध में बताया गया है कि अखरोट का सेवन मधुमेह की रोकथाम में मददगार हो सकता है (11)। वहीं, इसी संबंध में बीजिंग स्थिति एक यूनिवर्सिटी द्वारा किए गए रिसर्च से पता चलता है कि अखरोट के पेड़ और पत्तो में एंटी-डायबिटिक प्रभाव पाए जाते हैं। इस प्रभाव के कारण यह रक्त में ग्लूकोज की मात्रा को कम करने का काम कर सकता है (12)। इससे मधुमेह की समस्या से राहत मिल सकती है। ऐसे में कहा जा सकता है कि अक्रोड खाने के फायदे में मधुमेह की समस्या को दूर रखना शामिल है।


11. मिर्गी से बचाव

अखरोट खाने के फायदे मिर्गी की समस्या को दूर रखने के लिए भी हो सकते हैं। दरअसल, फ्री रेडिकल्स के अधिक उत्पादन से मिर्गी और न्यूरोलॉजिकल जैसी विकारों का जोखिम बढ़ जाता है। इस समस्या को कम करने के लिए एंटीकॉन्वल्सेंट दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है। यह दवा मिर्गी के दौरे को कुछ कम कर सकती है। वहीं, एनसीबीआई की वेबसाइट पर मौजूद रिसर्च पेपर के अनुसार अखरोट में एंटीकॉन्वल्सेंट प्रभाव पाया जाता है। इस प्रभाव के कारण अखरोट मिर्गी के खिलाफ न्यूरोप्रोटेक्टिव यौगिक के रूप में काम कर सकता है। इस प्रकार मिर्गी की समस्या से बचा जा सकता है। वहीं, अगर किसी को मिर्गी की समस्या है, तो लक्षणों को कुछ कम किया जा सकता है (13)।


12. एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट

कई समस्याओं के समाधान में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव की अहम भूमिका देखी गई है। वहीं, एक वैज्ञानिक शोध में पाया गया है कि अखरोट में ये दोनों प्रभाव पाए जाते हैं, जो इंफ्लेमेशन (सूजन) और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस की समस्या से बचाए रखने का काम कर सकते हैं। ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के कारण कैंसर, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, दिल की बीमारी, पार्किंसंस और अल्जाइमर जैसे घातक समस्याएं उत्पन्न हो सकती है। इसलिए, इससे बचने का बेहतर विकल्प अखरोट का सेवन हो सकता है (14)।


13. स्वस्थ पेट

एक शोध के अनुसार, 8 सप्ताह तक प्रतिदिन 43 ग्राम अखरोट का सेवन करने से एक स्वस्थ व्यक्ति में प्रोबायोटिक और ब्यूटिरिक एसिड का उत्पादक होता है, जो अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ावा देते हैं। इससे आंतों को स्वस्थ्य बनाए रखने में मदद मिल सकती है। इस बात की पुष्टि एनसीबीआई की वेबसाइट पर उपलब्ध रिसर्च पेपर में भी की गई है (15)।


14. पित्त की पथरी

पित्त की पथरी के इलाज में अखरोट का सेवन सहायक हो सकता है। दरअसल, एनसीबीआई की वेबसाइट पर पब्लिश एक वैज्ञानिक अध्ययन के मुताबिक, अखरोट सहित कुछ नट्स में अनसैचुरेटेड फैटी एसिड, फाइबर और मिनरल पाए जाते हैं। ये सभी पोषक तत्व पित्त की पथरी से छुटकारा दिलाने में मदद कर सकते हैं। ऐसे में कहा जा सकता है कि अखरोट के फायदे पित्त की पथरी से निजात दिलाने के लिए हो सकते हैं (14)। ध्यान रहे कि अखरोट सिर्फ मदद कर सकता है, इसे पित्त की पथरी का इलाज न समझा जाए।


15. एंटी-एजिंग

बढ़ते उम्र के प्रभाव को तेजी से बढ़ने से रोकने के लिए अखरोट का सेवन सहायक साबित हो सकता है। इस संबंध में पब्लिश एक रिसर्च पेपर में बताया गया है कि अखरोट विटामिन्स से भरपूर होता है, जो बढ़ते उम्र के प्रभाव को धीमा करने का काम करता है। साथ ही इसी शोध में अखरोट के तेल में एंटी-एजिंग प्रभाव का भी जिक्र किया गया है, जिसका उपयोग बढ़ते उम्र के प्रभाव को भी कम कर सकता है (12)। ऐसे में कहा जा सकता है कि अखरोट बढ़ते उम्र के प्रभाव को बढ़ने से रोकने का काम कर सकता है।


16. बालों के लिए

बालों के लिए अखरोट के फायदे हो सकते हैं । इसमें कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो बालों को स्वस्थ बनाए रखने में मदद कर सकते हैं (16)। फिलहाल, बालों को लेकर अखरोट खाने के फायदे के संबंध में और शोध करने की जरूरत हैं।

शुक्रवार, 26 जुलाई 2024

प्रत्येक अंग्रेजी दवा के

 अंत मे एक शब्द होता है

 जिससे जान सकते है 

वह दवा किस काम आएगी...

CAIN...

Xylocaine

 Benzocaine

 Amylocaine 

Lidocaine

ये एक लोकल 

इनेस्थेटिक है, अर्थात

 ये दवाईया किसी अंग 

को सुन्न करने के 

लिए दी जाती है

MYCIN.

Azithromycin

 Erythromycin 

Neomycin 

Strptomycin

ये एंटीबायोटिक है 

अर्थात इंफेक्शन के 

लिए दी जाती है

OLOL

Metaprolol

 Atenolol

 Esmolol

 Bisoprolol

ये बीटा ब्लॉकर्स होते है 

अर्थात इनका प्रयोग 

हाइपरटेंशन, या हार्ट अटैक / 

HIGH BP में करते है

MIDE & ZIDE...

Furosemide

 Bumetanide

 Benzthiazide 

Chlorothiazide

ये डाइयुरेटिक्स है अर्थात

 यूरीन को बढ़ाती है, 

शरीर मे सूजन होती है

 या BP ज्यादा होता है

 उन्हें देते है

VIR

Acyclovir 

Ritonavir 

Indinavir

ये एन्टीवायरल है 

अर्थात वायरस के 

इंफेक्शन में प्रयोग 

करते है

PAM.

Diazepam

 Lorazepam

ये एंटीएंजाइटी है 

अर्थात घबराहट बेचैनी

 नींद न आने में दी जाती है


STATIN......

Atorvastatin 

Simvastatin

 Lovastatin

इसका प्रयोग एंटी

 हायपर लिपिडेमिक्स

 में होता है अर्थात 

जिनका कोलस्ट्रॉल बढ़ 

जाता है उन्हें देते है

SONE...

Betamethasone

 Cortisone 

Dexamethasone

ये स्टेरॉइड है अर्थात 

सूजन को दूर करने

 के लिए देते हैं।

AZOLE.

Ketoconazole

Fluconazole

Econazole

Miconazole

एंटीफंगल है अर्थात 

फंगल इंफकेशन में 

दी जाती है


TIDINE.

Ranitidine

Cimetidine

Famotidine

Roxatidine

ये H2 रिसेप्टर ब्लोकर 

है अर्थात पेट मे एसिड को 

कम करती है, पेप्टिक 

अल्सर में प्रयोग होता है

SETRON.

Ondasetron

Grenisetron

Dolosetron

5HT3 एनटागोनिस्ट होती

 है अर्थात उल्टी, 

चक्कर में दी जाती है

OFLOXACIN.

Ciprofloxacin

Norfloxacin

Levofloxcin

ये एंटीबैक्टीरियल है

NIDAZOLE.

Metronidazole

Ornidazole

Tinidazole

ये एन्टीअमेबिक है 

अर्थात दर्द के साथ 

दस्त में दी जाती है

TRIPTAN.

Sumatriptan

Rizatriptan

Naratripton

5HT एगोनिस्ट होती है 

अर्थात माइग्रेन में

 दी जाती है

PROFEN.

Ibuprofen

Ketoprofen

Flurbiprofen

ये नॉन स्ट्रोइडल 

एंटी इन्फ्लामेट्री

 ड्रग्स होती है

 अर्थात सूजन, बुखार, 

दर्द आदि में दिया जाता है

PRAZOLE.

Pantoprazole, 

Omeprazole

Esomeprazole, 

Rabeprazole

पेट मे एसिड कम करती है 

और पेट मे हाइड्रोजन पोटेशियम

 पम्प को बन्द कर देती है,

 गेस्ट्रो सम्बन्धी पेप्टिक 

अल्सर में प्रयोग करते है

GLIPTIN....

Sitagliptin 

Vildagliptin

 Alogiptin 

Linagliptin

DDP 4 इन्हेबिटर है, 

अर्थात डाइबिटीज में 

प्रयोग होता है

सीखते रहिये।

मंगलवार, 23 जुलाई 2024

 गांधी ने जाने-अनजाने पुनः इसी दरिद्रता के दर्शन को फिर से सहारा दे दिया है। गांधी ने फिर दरिद्र को दरिद्रनारायण कह दिया है। दरिद्र नारायण नहीं है, दरिद्रता पाप है, दरिद्रता रोग है। उससे घृणा करनी है, उसे नष्ट करना है। दरिद्र को अगर हम पवित्र और भगवान और इस तरह की बातें करेंगे और दरिद्रता को महिमावंत करेंगे तो हम दरिद्रता को नष्ट नहीं कर सकते हैं, हम दरिद्रता को बनाए ही रखेंगे। हम दरिद्रता पर दया कर सकेंगे, सेवा कर सकेंगे दरिद्र की, लेकिन दरिद्र को मिटा नहीं सकेंगे। दरिद्र की सेवा की जरूरत नहीं है, दरिद्र के गुणगान की जरूरत नहीं है, दरिद्र को दया की जरूरत नहीं है, दरिद्र को पृथ्वी से समाप्त करना है, दरिद्र को नष्ट करना है, दरिद्र को नहीं बचने देना है। दरिद्रता के साथ एक महामारी का व्यवहार करना है। प्लेग और हैजा और मलेरिया के साथ हम जो व्यवहार करते हैं वह दरिद्रता के साथ व्यवहार करना है। लेकिन हिंदुस्तान की जो परंपरा है दरिद्रता की और त्याग की, गांधी के मन पर उसका प्रभाव है, सारे मुल्क के मन पर उसका प्रभाव है। हमने जाने-अनजाने हमारे अचेतन में, अनकांशस तक यह बात प्रविष्ट हो गई है कि दरिद्रता को कुछ गौरव है।

यह बहुत ही खतरनाक दृष्टि है, यह बहुत ही आत्मघाती दृष्टि है; क्योंकि जब हम दरिद्रता को इस भांति स्वीकार करते हैं, सम्मान देते हैं और दरिद्रता में संतोष कर लेने को एक धार्मिक गुण मानते हैं, तो फिर समाज समृद्ध कैसे होगा? समाज संपत्ति पैदा कैसे करेगा? 

रविवार, 21 जुलाई 2024

 संसार के प्रथम गुरु भगवान श्री कृष्ण, जिनके श्रीमुख से उच्चरित श्रीमद्भागवत को पढ़कर मानव जीवन में अग्रसित हो रहा है,को सादर प्रणाम।

कुछ फर्ज थे मेरे, जिन्हें यूं निभाता रहा।  खुद को भुलाकर, हर दर्द छुपाता रहा।। आंसुओं की बूंदें, दिल में कहीं दबी रहीं।  दुनियां के सामने, व...