शनिवार, 23 मार्च 2024

 यदि पुरुष स्त्री को अपनी बाहों में लेना चाहता है तो उसका तात्पर्य केवल वासना मात्र ही नहीं हो सकता है कई दफा इसका अर्थ होता है वह स्त्री को उसकी आत्मा तक स्पर्श करना चाहता है उस स्त्री के मन को टटोलना चाहता है जो अथाह प्रेम को अपने मन में कहीं दबा लेती है वह अपने सीने से लगाकर स्त्री की आंखों के आँसुओ को प्रेम से सोख लेना चाहता है उस स्त्री के सूखे वीरान पड़े जीवन को प्रेम की बारिशों में भिगो देना चाहता है यह वासना नही है उस पुरुष का अथाह समर्पण है उस स्त्री के लिए जिसे वह हृदय से प्रेम करता है.



 पहले तो रावण ने रक्षिकाओं को ही आदेश दिया कि सीता को अशोक-वाटिका तक पहुंचा आएं; किंतु बाद में जाने क्या सोचकर उसने अपना विचार बदल दिया था। ...