शुक्रवार, 30 अप्रैल 2021

एकोनाइटम नैपेलस (Aconitum Napellus) )

(Monkshood)


भय और बेचैनी की हालत, मानसिक और शारीरिक चिन्ता व कष्ट, शारीरिक और मानसिक बेचैनी, डर, एकोनाइट के खास लक्षण हैं। ज्वर के साथ किसी रोग का तीव्र, अकस्मात् और कठोर आक्रमण इस दवा की आवश्यकता बताता है। स्पर्श से घृणा । एकाएक भारी निर्बलता । रोग और खींचन जो सूखे, ठंडे मौसम से पैदा हों, ठंडी बाहरी हवा से पसीना रुकने से और वे रोग जो बहुत गरम मौसम से पैदा हो, खासकर आँतों और आमाशय सम्बन्धी गड़बड़ी इत्यादि प्रदाद और प्रदाहपूर्ण ज्वर की पहली दवा |रक्ताम्बु स्रावी झिल्ली और पेशिक तन्तु का रोगग्रस्त होना । आन्तरिक भाग में जलन | चुनचुनाहट, ठण्डापन और स्पर्शज्ञान की कमी। इन्फ्लूएंजा धमनियों में तनाव, मन में आवेग और शरीर सम्बन्धी खींचना आम पाई जाती है। एकोनाइट देने के समय याद रखिए कि एकोनाइट केवल क्रिया सम्बन्धी गड़बड़ी करता है, इस बात का कोई प्रमाण नहीं मिलता कि वह तान्तविक परिवर्तन भी कर सकता है। इसका प्रभाव अल्पकालीन है और इसमें कोई सामयिकता नहीं पायी जाती इसका क्षेत्र किसी तीव्र रोग के आरम्भ में है। जब लक्षणों में कोई परिवर्तन आ जाये तो इसे जारी नहीं रखना चाहिए। रात्रि की अवस्था में; रस संचयता के पहले। इन्फ्लूएंजा


मन - थोड़े से थोड़े रोग में भी बहुत डर, चिन्ता, आकुलता, घबराहट पायी जाती है। सन्निपात में प्रायः चेतना के साथ दुःख, चिन्ता, डर, बकना झकना सभी की विशेषता रहती है, परन्तु बेहोशी नहीं आती। भविष्य की चिन्ता और डर, मौत से डरना; और यह विश्वास करना कि जल्दी ही मर जायगा दिन तक बता देता है। भविष्य का भीड़ और सड़क पार करने का डर । करवटें बदलना | चौंकने की प्रवृत्तिः कल्पना तीव्र, दिव्य दृष्टि दर्द सहन न हो पागल बना दे | संगीत सहन न हो, उसको दुःखी बना दे | ( ऐम्ब्रा) | सोचता है कि उसके सभी विचार आमाशय में से आते हैं, जैसे शरीर के अंग अधिक मोटे हैं। सोचता है अभी जो हुआ है, वह स्वप्नमात्र था ।


सिर- भरापन; भारी, टपकन, गरम; जैसे फट पड़ेगा, जलन होने का संवेदन | सिर में दबाव ( हेडेरा, हेलिक्स); जलन के साथ सिर दर्द: भेजे में पानी खौल रहा हो ( इण्डिगो ); चक्कर जो उठने से बढ़े ( नक्स और चाँद पर ऐसा मालूम हो जैसे बाल खोंचे जा रहे हो या बड़े हो गये हो में भयानक प्रलाप |

आँखें- लाल, सूजी हुई | गरम और सूखी मालूम पड़ें; जैसे उनमें बालू पडा हो । पलक सूजे हुए, कड़े लाल | रोशनी से बचना चाहे, सूखी ठंडी से बहुत पानी बहे; बर्फ का प्रतिविम्ब पड़ने से आये उपद्रव; किसी सपची या दूसरो बाहरी चीज को निकालने के बाद की हालत |


कान-- आवाज असह्य; संगीत असह | बाहरी कान गरम, लाल, सुजे हुए दर्द करें। कान दर्द ( कैमो)। जैसे बायें कान में पानी की बूंद हो ऐसा संवेदन |


नाक - गंध असह्य । नाक की जड़ में दर्द । सर्दी जुकाम, छींक अधिक, नथुनों में थरथराहट, चमकदार, लाल रक्त प्रवाह | श्लैष्मिक झिल्ली सूखी, नाक बन्द, सूखी या थोड़ा पानी ऐसा स्राव |


चेहरा--लाल, गरम, भरभराया, सूजा, फूला एक गाल गरम दूसरा पीला ( कैमो, इपिका ) | उठने पर लाल चेहरा मुर्दे जैसा पीला हो जाये या चक्कर आये। गालों में सिहरावन और स्पर्शज्ञान शून्यता, स्नायुशूल खासकर बायीं तरफ का इसके साथ में बेचैनी, सिहरावन और सुन्नपन | जबड़ों में दर्द |


मुह सुन्न, सूखा टपकन । जबान सृजी, सिरों में टपकन । दाँत ठंडक सहन न करें। निचला जबडा हिलाया करे जैसे कुछ चबा रहा हो । मसूड़े और सूजे हुए ! जवान पर सफेद मैल ( ए टिमकूडम ) ।


गला--लाल, सूखा, संकुचित, सुन्न, गडन, जलन, डंक लगने जैसा दर्द | तालुमूल सूजे हुए और सुखे ।


पेट -कै हो, इसके साथ डर, गरमी, पसीना और पेशाब अधिक ठंडे पानी की प्यास | पानी के सिवाय सभी चीजों का स्वाद कड़वा । घोर प्यास | पीता है. कै कर देता है और कहता है कि मर जायगा । पित्त की, श्लेष्मा की और खून मिली हरी-सी कै। साँस की तंगी से आमाशय में दाब | खून की कै करना । पेट से गले तक जलन । पेट- गरम, तना, फूला हुआ, छना असह्य | आंत्रशूल जो किसी करवट कम न हो। गर्म शोरबा पीने के बाद पाकाशय के लक्षणों में कमी । नाभि प्रदेश में जलन |


मलान्त्र -गुदा में रात को खाज और चिलकन के साथ दर्द हो । घड़ी घड़ी ऐंठन के साथ थोड़ा-थोड़ा मल निकले, हरा, महीन कटी हुई हरियाली की तरह ।लाल पेशाब के साथ सफेद मल । हैजे का दस्त, पतनावस्था, चिन्ता, बेचैनी के साथ खूनी बवासीर । हैमा मेलिस) बच्चों के पानी जैसे दस्त। वे चिल्लाते हैं और शिकायत करते हैं, बेचैन और सो न पायें | पेशाब थोड़ा, गरम लाल, कष्टदायक मूत्राशय की गरदन पर जलन और ऐंठन | मूत्रमार्ग में जलन | पेशाब न हो, खुनी पेशाब। पेशाब करने के पहले चिन्तित रहना। पेशाब रुक जाना, साथ में बेचैनी और चीखना और लिंग को पकड़ना। गुदा प्रदेश कोमल अधिक पेशाब होना, इसके साथ पसीना अधिक हो और अतिसार ।

पुरुष -लिंग के सिर पर सरसराहट। फोतों में कचट दर्द, अपड कडे, सूजे हुए । अकसर उतेजित होना और वीर्यस्खलन होना । कष्टदायक स्खलन ।

स्त्री - योनि सूखी, गरम, कोमल | मासिकस्राव मात्रा में अधिक, साथ में नकसीर या बहुत देर में हो और बहुत दिनों तक जारी रहे। मासिक रक्त दिखाई पड़ते ही घबराहट आये। डर या ठण्डक से दब गया हो। डिम्बाशय में रक्ताधिक्य और दर्द | गर्भाशय में तेज दर्द | प्रसवान्तक वेदना, डर और बेचैनी के साथ |

श्वास यन्त्र -- बायें सीने में लगातार दाब जरा-सा हिलने से श्वास-कष्ट ! खड़खड़ाती, सूखी, सुरसुरादार काली खाँसी, तेज आवाज के साथ और कठिनता से साँस लेना । बच्चा जब भी खाँसता है, गला पकड़ लेता है। भीतर खींची हुई हवा बहुत असह | साँस कम गहरी स्वरनली कोमल | सीने के आरपार चिलकन | खाँसी सूखी, छोटी, कड़ा; रात में और आधा रात के बाद बढ़; फुफ्फुस में गरमी लगना | खंखारने में खून ऊपर आवे खाँसने के बाद सीने में चुनचुनाइट|


दिल - तेज धड़कन, दिल की बीमारी, बांय कन्धे में दर्द के साथ सीने में चिलकन दर्द, धड़कन के साथ उत्सुकता, गशी और अंगुलियों के सिरों में चुनचुना हट । नाड़ी भरी हुई, कड़ा, खिची-सा उछलती हुई, कभी-कभी रुकती चाल | बैठने में कनपटी और गर्दन की धमनी की गति सुनाइ दें ।


पोठ--सुन्न, कड़ी, वेदना पूर्ण रेंगने और चुनचुनाइट: मानो कुचली गई है। गर्दन की जड़ में कड़ापन; कंधों में कुचले जाने जैसा दर्द |


अग-सुन्न और चुनचुनाहट; गोली लगने की तरह का दर्द, बर्फ-सी ठंडक और हाथ-पैर का सुन्न होना। बाया बाह के नाचे तक दर्द उतर ( कंक्टस, क्रॉटेल, केलाम, टेबकम ) | हाथ गरम और पैर ठण्ड जोड़ों का प्रदाह रात में कष्ट बढ़ लाल चमकदार सूजन | अति कोमल, कूल्हा और जांध के जोड़े लंगड मालूम है। खास कर लेटने के बाद घुटने लड़खडाये पैर  पीछे को मुडने की प्रवृति( एस्क्यूलस ) सभी जोड़ों की नस कमजोर और ढीली जोड़ों में बिना दर्द कर कड़ाहट दाहने हाथ पर चमकदार लाल उभरन जांघो के ऊपर पानी की बूदें टपकती जान पड़े।


नींद - दुःस्वप्न । रात को बकना । उत्सुक स्वप्न | अनिंद्रा बिस्तर में करवटें बदलना ( ३० शक्ति का प्रयोग करें ) नींद में चोकना स्वप्न, सोने में व्यग्रता, बूढ़ों को नींद न आना।


चर्म -लाल, गरम सूजा हुआ; सूखा, लाल फुन्सियों । शीतला जैसे दाने। सुरसुरी और पीठ में गगनी और रेंगन नीचे की तरफ को उत्तेजक औषधियों से कम हो ।


ज्वर- शीतावस्था विशेष है। ठंडा पसीना और चेहरा बर्फ-सा ठंडा ठंड और गरमी बारी-बारी से बिस्तर में जाने के बाद सर्दी लगे ।  ठंडी उसके शरीर से गुजरती हैं। प्यास और वेचैनी साथ रहती है। कपड़ा हटाने और छूने से सर्दी लगे । सूखी, गरमी, लाल चेहरा । अति लाभदायक ज्वरनाशक दवा है । जबकि मानसिक कष्ट और बेचैनी इत्यादि साथ हों। इससे सभी लक्षणों में कमी हो जाती है ।

घटना बढ़ना- खुली हवा में कम; गरम कमरे में शाम को और रात में बढ़ना; रोगग्रस्त्र करवट लेटने से, संगीत से, धूम्रपान से, सूखी ठंडी हवा से बढ़ना । अधिक मात्रा में सिरका पीने से इस औषधि का विष नष्ट हो जाता है ।

सम्बन्ध -तेजाबी पदार्थ, शराब, कॉफी, लेमोनेड और खट्टे फल इस औषधि की क्रिया को प्रभावित करते हैं। मलेरिया, मंद ज्वर, क्षय ज्वर, रक्त विष दोष और स्थानान्तरित प्रदाह में प्रयोग नहीं होता । अक्सर इसके बाद सल्फर दिया जाता है।


तुलना कीजिये - कैमोमिला और कॉफिया से घोर पीड़ा और अनिद्रा में | एग्नोस्टिस और स्पाईरैन्यस ज्वर और सूजन में एकोनाइट की तरह काम करते हैं। पूरक कॉफिया, सल्फर | सल्फर को 'जीर्ण एकोन' समझना चाहिये । अक्सर एकोन के शुरू किये काम को सल्फर पूरा करता है ।


तुलना-- बेलाडो, कैमो, कॉफिया, फेरम फास |



मात्रा -ज्ञानेन्द्रियों के रोग पर ६ शक्ति और प्रदाह की दशा में १-३ शक्ति | तीव्र रोग में जल्दी जल्दी दोहराना चाहिये । एकोनाइट तेज काम करने वाली दवा है। स्नायुशूल में जड़ का टिचर बनाकर प्रयोग करना चाहिए, एक १बूंद (विषैली ) या फिर ३० शक्तिः जैसी मरीज की हालत हो।

मंगलवार, 27 अप्रैल 2021

Covid

 ईश्वर से प्रार्थना है कि सभी कोरोना मुक्त हो.. मास्क पहनें... सामाजिक दूरी बनाए रखें

करोना का मतलब मृत्यु नहीं हैं। 96-97% लोग ठीक हो जाते हैं। सिर्फ़ जानकारी फैलाइये, अफ़वाह बिलकुल नहीं।

साहस, आत्मविश्वास कोरोना के इलाज की पहली दवा है..

परीक्षा के लिए सैम्पल देने के बाद रिपोर्ट आने का इंतजार न करें।

तुरन्त यह इलाज शुरू कर दें।

https://youtu.be/sh5RyEHsf_c

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Covid tablets

Doxy 100 mg   (10 tab) 5days 1-0-1 Daily 2 tab

Zincovit(7Tab) 7 days 1-0-0 Daily 1 tab

Azithral 500mg (5tab)5 days 0-1-0 Daily 1 tab

Limcee 500mg Chewable (14 tab) 7days 1-0-1 

2 tab daily

Shelcal 500mg (7Tab) 7days 0-0-1 Daily 1tab

Ivermectin 12mg (5tab) 5 days 0-1-0 Daily 1tab

Dolo 650mg 5days (15 tab )1-1-1 Daily 3 tab.

Mask & Sanitizer 

ठंडी सामग्री मत खाओ.. AC मत चलाओ...

गर्म पानी का सेवन करें।

आप पहले से बीपी,शुगर, डिप्रेशन की जो भी दवा ले रहे हैं।वो दवा लेते रहे।इस बीमारी में बीपी,शुगर, डिप्रेशन ओर बढ़ जाता है।अपने डाक्टर के सम्पर्क में रहें।

(कोरोना के साथ साथ कोई पहले की हेल्थ प्रॉब्लम हो तो अपने डॉक्टर से मिलें और सलाह लें)

इमरजेंसी 

ऑक्सीजन की समस्या है तो तुरन्त अस्पताल की ओर चलें ऑक्सीजन की मात्रा तय सीमा से कम नहीं होनी चाहिए। 

अगर आप की रिपोर्ट पॉजिटिव हो तो फिटकरी के गुणों को जान

लो।

 100 ग्राम फिटकरी तवे पर रखिये। पिघल जाए तो उसे ठंडा कर लीजिए। उसे तवे से उतार कर कूट कर डिब्बी में डालकर रख लें।

यह आपकी रामबाण दवाई है जो फेंफड़े सीज हों, दमा हो या दिल कमजोर हो, बलगम हो उसे दी जा सकती है

किसी के दांत में दर्द हो तो इससे कुल्ला करो

किसी घाव पर लगाओ

 इसे बाल्टी में डालकर उस पानी से नहाओ सब्जियां धो लो ।

यह एकमात्र ऐसा सेनिटाइजर है जिसका सेवन किया जा सकता है।

 एक चुटकी फिटकरी का भुना हुआ पाउडर लें। 1 चम्मच शहद लें, पांच बूंद अदरक के रस की डालें और पीड़ित को चटा दें। एक dose सुबह एक dose शाम । कुल दो दिन में चार dose. ।

फेफड़े की तमाम दिक्कतों में रामबाण दवाई है यह ।

इस दवाई ने डेथ बेड से रोगी को उठाया जब उनके फेफड़े न्यूमोनिया और बलगम से सीज हो गए थे और डाक्टर ने जवाब दे दिया था।

 आक्सीजन की कमी है तो घबराईये मत, 3-4 छोटे टुकड़े कपूर 3-4 लौंग 1 छोटी चमच अजवाइन और 2-3 बूंद निलगिरी का तेल एक सूती कपड़े मे पोटली बना लिजीए और उसे एक प्लास्टिक के जीपर में रख ले और थोड़ी थोड़ी देरबाद सुंघते रहे...तेल ना भी मिले तो बाकी सामान तो घर मे है।

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ऑनलाइन कंसल्टेशन आपको विभिन्न चिकित्सकों से निःशुल्क अथवा फी के साथ भी मिल सकता है।

फी आम तौर पर 300 से 1000 ( विभिन्न राज्यों, शहरों अनुसार ) रुपये तक हो सकती है डॉक्टर की ।

घर बैठे आप सलाह लेंगे एक्सपर्ट की तो आप सही कदम सही समय पर उठाते रहेंगे।

अब मैं बात कर रहा था भर्ती की स्थिति है एवं बेड नहीं मिल रहा या आप किसी बहुत छोटी ज़गह, गांव या कस्बे में हैं जो शहर से दूर है। तब उपरोक्त डॉक्टर से ये दो दवाएं और उनका डोज़ लिखवा लें । दरअसल जान इन्ही से बचती है रेमदेसीवीर से नहीं ।

तो निम्न दवाएं हैं जो जान बचाएंगी ।

1. समय पर ऑक्सीजन यदि ऑक्सीजन saturation 88 के नीचे हो ।

2. स्टेरॉयड :

इंजेक्शन अथवा टेबलेट Dexamethasone / Methylprednisolone.

ये बेहद सस्ती, आसानी से उप्लब्ध दवाएं हैं जो टेबलेट एवं इंजेक्शन दोनों रूप में उपलब्ध हैं। मैं dose जानबूझकर नहीं लिख रहा जिससे लोग सेल्फ मेडिकेशन न करें ।

इन्हें देने के बाद ऑक्सीजन की आवश्यकता भी जल्दी ही कम दिखने लगती है बहुत से मरीजों में ।

3. खून का थक्का रोकने वाली दवाएं :

Injection Low molecular weight heparin Eg.. enoxparin / clexon etc..

Injection न दे सकने की स्थिति में कैप्सूल Debigatron Doctor से लिखवा लें ।

डाक्टर अव्यक्त

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ऑक्सिजन लेबल गिर रहा तो ऑक्सिजन  का इंतजाम होने तक "ASPIDOSPERMA Q" 10 बूँद प्रति घंटा एक कप पानी मे देने से ऑक्सिजन लेबल तुरंत मेंटेन हो जाएगा जो हमेशा बना रहेगा। Homeopathic medicine है। 

'एस्पीडोस्पर्मा क्यू' फेफड़े की क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है, जो निश्चित तौर पर कोरोना पीड़ितों और उनके परिवारीजनों के लिए राहत की बात है। मगर जब शरीर को अधिक मात्रा में आक्सीजन की जरूरत होती है, वहां यह उतना प्रभावी नहीं है। कोरोना पाजिटिव मरीजों के लिए एस्पीडोस्पर्मा क्यू एक बेस-लाइन सपोर्ट दवा के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। मसलन जिन मरीजों को बुखार और खांसी हो, सांस लेने पर सीने में घड़घड़ाहड हो। यह दवा श्वसन केंद्रों को उत्तेजित कर फेफड़ों की क्षमता बढ़ाती है और रक्त के आक्सीकरण एवं कार्बन-डाइऑक्साइड के निष्कासन को बढ़ा देता है। डा. अनिल बताते हैं कि होम्योपैथी लक्षणों के आधार पर कार्य करने वाली सुरक्षित और असरदार चिकित्सा पद्धति है। इस पद्धति में दवाओं का चयन रोगियों के लक्षणों व रोग की प्रकृति के आधार पर किया जाता है, क्याेंकि एक जैसा रोग होने के बाद भी प्रत्येक राेगी के लिए दवा अलग-अलग हो सकती है।

Aconitum napellus 200C  is  one single medicine in homeopathy for Covid, which can cure almost every case, provided being trusted rightly, and given in the right manner

https://hmpathy.wordpress.com/2020/04/12/possible-homeopathic-medicine-for-coronavirus/

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आयुर्वेद की कोरोना दवा

आयुर्वेद की चार दवाओं से कोरोना के हल्के लक्षण वाले मरीजों का इलाज संभव है। आयुष मंत्रालय के दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की केस स्टडी में यह दावा किया गया है। आयु केयर जर्नल में प्रकाशित इस स्टडी में कहा गया है जिन चार दवाओं से कोरोना मरीज का उपचार किया गया है उसमें शामिल है आयुष क्वाथ, संशमनी वटी, फीफाट्रोल और लक्ष्मीविलास रस।


आयुष क्वाथ 10 मिली लीटर  तीन बार

संशमनी वटी 250 मिली ग्राम  दो बार

लक्ष्मीविलास रस 250 मिली ग्राम  दो बाऱ

फीफाट्रोल 500 मिलीग्राम दो बार

फीफाट्रोल पांच प्रमुख जड़ी-बूटियों सुदर्शन घन वटी, संजीवनी वटी, गोदांती भस्म, त्रिभुवन रस तथा मत्युंजय रस से निर्मित है। जबकि आठ अन्य बूटियां तुलसी, कुटकी, चिरायता, गुडुची, दारुहरिद्रा, अपामार्ग, करंज तथा मोथा के अंश भी शामिल हैं। जबकि आयुष क्वाथ दालचीनी, तुलसी, काली मिर्च तथा शुंथी(सोंठ) का मिश्रण है। संशमनी वटी को गिलोय की छाल से तैयार किया गया है।

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खांसी के लिए

1. सितोपलादि चूर्ण 120gm

2. स्फटिक भस्म 10gm

3. टंकण भस्म 10gm

4. गोदन्ती भस्म 10gm

5. अभ्रक भस्म 10gm

इन सबको मिलाकर 1 छोटी चम्मच ये पाउडर एक चम्मच शहद

के साथ 3-3 घण्टे बाद ले, शुगर के मरीज शहद न ले, इसके बाद खूब गर्म पानी पिये। कोरोना के लक्षण खत्म हो जाएंगे।

बुखार होने पर डोलो 650mg ले

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मरीजों को दी जाने वाली दवाएं और उनके प्रमुख विकल्प

एजिथ्रोमाइसिन- यह दवा बाजार में एजी, एजीसिप एजोपेट 500, एजेक्स, मोजिल, आजाद, एजिलैब, जीथ्रोम आदि नाम से मौजूद हैं। इनमें से कोई भी गोली इस्तेमाल की जा सकती है।

डोलो 650- इसका फार्मूला पैरासिटामॉल 650 एमजी है। यह बाजार में कॉलपोल, क्रोसिन, पैसिमोल, पीयूसी, पैराग्रेट, एक्सटी पैरा, पायराकेम, वेलसेट आदि नामों से आती है। बाजार में इस दवा के 511 विकल्प मौजूद हैं।

जिंकोविट- इसका फार्मूला विटामिन बीकॉंम्प्लेक्स और जिंक है। बाजार में इसके विकल्प के रूप में जिंकोनिया, एटूजेड, सुप्राडाइन, बीको जिंक जी, एटूजे गोल्ड, जिंकोलैक, बीकॉसूल जेड, कोबाडेक्स जेड आदि विकल्प मौजूद हैं।

लिम्सी 500- यह विटामिन सी की गोली है। बाजार में यह सिलिन 500, बीटाक्योर सी प्लस, आदि नामों से उपलब्ध हैं।

कैल्सीरॉल- यह विटामिन डी3 है। बाजार में इसके विकल्प के रूप में डी3, अपराइज डी, टायो 60, डी राइज 60, आर्किटाल नैनो लिक्विड, विटानोवा डी3 आदि मौजूद हैं।

डॉक्सी 100- इसका फॉर्मूला डॉक्सी साइक्लिन है। यह बाजार में डॉक्सी1 एल, डॉक्स्ट एसएल, माइक्रोडॉक्स, डॉक्सीपाल, रेवीडॉक्स एलबी, डॉक्सी श्योर, लेंटेक्लिन एलबी, रेस्पीलेक्स, बायोडेक्सी एली सहित 46 वैकल्पिक नाम से मौजूद हैड्ड।

आइवरमेक्टिन- बाजार में इस दवा के 59 विकल्प मौजूद हैं। इनमें प्रमुख आइवरट्रीट, स्कैविस्टा, वरमैक्ट, आइवेल, आइवरकेम, मेक्टिन, नेक्टोल आदि हैं।

फेबीफ्लू- इसका फॉर्मूला फेवीपिराविर है। बाजार में यह दवा, फ़्लू गार्ड, आराफ्लू, फेवीगेनो,  सिप्लेंजा, कोविहाल्ट, सिपविर, फॉयविर, फेवेंजा आदि नाम से उपलब्ध है। इस दवा के बाजार में 15 विकल्प मौजूद हैं।

https://shreemadgeetadarshan.blogspot.com/2021/04/covid.html?m=1

एक छोटा सा प्रयास आपको कोरोनावायरस से बचाने के लिए जानकारी अच्छी लगी हो तो अपने जानने वालों को इसका लिंक भेजे।

हरिओम सिगंल

















कुछ फर्ज थे मेरे, जिन्हें यूं निभाता रहा।  खुद को भुलाकर, हर दर्द छुपाता रहा।। आंसुओं की बूंदें, दिल में कहीं दबी रहीं।  दुनियां के सामने, व...