ईश्वर से प्रार्थना है कि सभी कोरोना मुक्त हो.. मास्क पहनें... सामाजिक दूरी बनाए रखें
करोना का मतलब मृत्यु नहीं हैं। 96-97% लोग ठीक हो जाते हैं। सिर्फ़ जानकारी फैलाइये, अफ़वाह बिलकुल नहीं।
साहस, आत्मविश्वास कोरोना के इलाज की पहली दवा है..
परीक्षा के लिए सैम्पल देने के बाद रिपोर्ट आने का इंतजार न करें।
तुरन्त यह इलाज शुरू कर दें।
https://youtu.be/sh5RyEHsf_c
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Covid tablets
Doxy 100 mg (10 tab) 5days 1-0-1 Daily 2 tab
Zincovit(7Tab) 7 days 1-0-0 Daily 1 tab
Azithral 500mg (5tab)5 days 0-1-0 Daily 1 tab
Limcee 500mg Chewable (14 tab) 7days 1-0-1
2 tab daily
Shelcal 500mg (7Tab) 7days 0-0-1 Daily 1tab
Ivermectin 12mg (5tab) 5 days 0-1-0 Daily 1tab
Dolo 650mg 5days (15 tab )1-1-1 Daily 3 tab.
Mask & Sanitizer
ठंडी सामग्री मत खाओ.. AC मत चलाओ...
गर्म पानी का सेवन करें।
आप पहले से बीपी,शुगर, डिप्रेशन की जो भी दवा ले रहे हैं।वो दवा लेते रहे।इस बीमारी में बीपी,शुगर, डिप्रेशन ओर बढ़ जाता है।अपने डाक्टर के सम्पर्क में रहें।
(कोरोना के साथ साथ कोई पहले की हेल्थ प्रॉब्लम हो तो अपने डॉक्टर से मिलें और सलाह लें)
इमरजेंसी
ऑक्सीजन की समस्या है तो तुरन्त अस्पताल की ओर चलें ऑक्सीजन की मात्रा तय सीमा से कम नहीं होनी चाहिए।
अगर आप की रिपोर्ट पॉजिटिव हो तो फिटकरी के गुणों को जान
लो।
100 ग्राम फिटकरी तवे पर रखिये। पिघल जाए तो उसे ठंडा कर लीजिए। उसे तवे से उतार कर कूट कर डिब्बी में डालकर रख लें।
यह आपकी रामबाण दवाई है जो फेंफड़े सीज हों, दमा हो या दिल कमजोर हो, बलगम हो उसे दी जा सकती है
किसी के दांत में दर्द हो तो इससे कुल्ला करो
किसी घाव पर लगाओ
इसे बाल्टी में डालकर उस पानी से नहाओ सब्जियां धो लो ।
यह एकमात्र ऐसा सेनिटाइजर है जिसका सेवन किया जा सकता है।
एक चुटकी फिटकरी का भुना हुआ पाउडर लें। 1 चम्मच शहद लें, पांच बूंद अदरक के रस की डालें और पीड़ित को चटा दें। एक dose सुबह एक dose शाम । कुल दो दिन में चार dose. ।
फेफड़े की तमाम दिक्कतों में रामबाण दवाई है यह ।
इस दवाई ने डेथ बेड से रोगी को उठाया जब उनके फेफड़े न्यूमोनिया और बलगम से सीज हो गए थे और डाक्टर ने जवाब दे दिया था।
आक्सीजन की कमी है तो घबराईये मत, 3-4 छोटे टुकड़े कपूर 3-4 लौंग 1 छोटी चमच अजवाइन और 2-3 बूंद निलगिरी का तेल एक सूती कपड़े मे पोटली बना लिजीए और उसे एक प्लास्टिक के जीपर में रख ले और थोड़ी थोड़ी देरबाद सुंघते रहे...तेल ना भी मिले तो बाकी सामान तो घर मे है।
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ऑनलाइन कंसल्टेशन आपको विभिन्न चिकित्सकों से निःशुल्क अथवा फी के साथ भी मिल सकता है।
फी आम तौर पर 300 से 1000 ( विभिन्न राज्यों, शहरों अनुसार ) रुपये तक हो सकती है डॉक्टर की ।
घर बैठे आप सलाह लेंगे एक्सपर्ट की तो आप सही कदम सही समय पर उठाते रहेंगे।
अब मैं बात कर रहा था भर्ती की स्थिति है एवं बेड नहीं मिल रहा या आप किसी बहुत छोटी ज़गह, गांव या कस्बे में हैं जो शहर से दूर है। तब उपरोक्त डॉक्टर से ये दो दवाएं और उनका डोज़ लिखवा लें । दरअसल जान इन्ही से बचती है रेमदेसीवीर से नहीं ।
तो निम्न दवाएं हैं जो जान बचाएंगी ।
1. समय पर ऑक्सीजन यदि ऑक्सीजन saturation 88 के नीचे हो ।
2. स्टेरॉयड :
इंजेक्शन अथवा टेबलेट Dexamethasone / Methylprednisolone.
ये बेहद सस्ती, आसानी से उप्लब्ध दवाएं हैं जो टेबलेट एवं इंजेक्शन दोनों रूप में उपलब्ध हैं। मैं dose जानबूझकर नहीं लिख रहा जिससे लोग सेल्फ मेडिकेशन न करें ।
इन्हें देने के बाद ऑक्सीजन की आवश्यकता भी जल्दी ही कम दिखने लगती है बहुत से मरीजों में ।
3. खून का थक्का रोकने वाली दवाएं :
Injection Low molecular weight heparin Eg.. enoxparin / clexon etc..
Injection न दे सकने की स्थिति में कैप्सूल Debigatron Doctor से लिखवा लें ।
डाक्टर अव्यक्त
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ऑक्सिजन लेबल गिर रहा तो ऑक्सिजन का इंतजाम होने तक "ASPIDOSPERMA Q" 10 बूँद प्रति घंटा एक कप पानी मे देने से ऑक्सिजन लेबल तुरंत मेंटेन हो जाएगा जो हमेशा बना रहेगा। Homeopathic medicine है।
'एस्पीडोस्पर्मा क्यू' फेफड़े की क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है, जो निश्चित तौर पर कोरोना पीड़ितों और उनके परिवारीजनों के लिए राहत की बात है। मगर जब शरीर को अधिक मात्रा में आक्सीजन की जरूरत होती है, वहां यह उतना प्रभावी नहीं है। कोरोना पाजिटिव मरीजों के लिए एस्पीडोस्पर्मा क्यू एक बेस-लाइन सपोर्ट दवा के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। मसलन जिन मरीजों को बुखार और खांसी हो, सांस लेने पर सीने में घड़घड़ाहड हो। यह दवा श्वसन केंद्रों को उत्तेजित कर फेफड़ों की क्षमता बढ़ाती है और रक्त के आक्सीकरण एवं कार्बन-डाइऑक्साइड के निष्कासन को बढ़ा देता है। डा. अनिल बताते हैं कि होम्योपैथी लक्षणों के आधार पर कार्य करने वाली सुरक्षित और असरदार चिकित्सा पद्धति है। इस पद्धति में दवाओं का चयन रोगियों के लक्षणों व रोग की प्रकृति के आधार पर किया जाता है, क्याेंकि एक जैसा रोग होने के बाद भी प्रत्येक राेगी के लिए दवा अलग-अलग हो सकती है।
Aconitum napellus 200C is one single medicine in homeopathy for Covid, which can cure almost every case, provided being trusted rightly, and given in the right manner
https://hmpathy.wordpress.com/2020/04/12/possible-homeopathic-medicine-for-coronavirus/
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आयुर्वेद की कोरोना दवा
आयुर्वेद की चार दवाओं से कोरोना के हल्के लक्षण वाले मरीजों का इलाज संभव है। आयुष मंत्रालय के दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की केस स्टडी में यह दावा किया गया है। आयु केयर जर्नल में प्रकाशित इस स्टडी में कहा गया है जिन चार दवाओं से कोरोना मरीज का उपचार किया गया है उसमें शामिल है आयुष क्वाथ, संशमनी वटी, फीफाट्रोल और लक्ष्मीविलास रस।
आयुष क्वाथ 10 मिली लीटर तीन बार
संशमनी वटी 250 मिली ग्राम दो बार
लक्ष्मीविलास रस 250 मिली ग्राम दो बाऱ
फीफाट्रोल 500 मिलीग्राम दो बार
फीफाट्रोल पांच प्रमुख जड़ी-बूटियों सुदर्शन घन वटी, संजीवनी वटी, गोदांती भस्म, त्रिभुवन रस तथा मत्युंजय रस से निर्मित है। जबकि आठ अन्य बूटियां तुलसी, कुटकी, चिरायता, गुडुची, दारुहरिद्रा, अपामार्ग, करंज तथा मोथा के अंश भी शामिल हैं। जबकि आयुष क्वाथ दालचीनी, तुलसी, काली मिर्च तथा शुंथी(सोंठ) का मिश्रण है। संशमनी वटी को गिलोय की छाल से तैयार किया गया है।
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खांसी के लिए
1. सितोपलादि चूर्ण 120gm
2. स्फटिक भस्म 10gm
3. टंकण भस्म 10gm
4. गोदन्ती भस्म 10gm
5. अभ्रक भस्म 10gm
इन सबको मिलाकर 1 छोटी चम्मच ये पाउडर एक चम्मच शहद
के साथ 3-3 घण्टे बाद ले, शुगर के मरीज शहद न ले, इसके बाद खूब गर्म पानी पिये। कोरोना के लक्षण खत्म हो जाएंगे।
बुखार होने पर डोलो 650mg ले
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मरीजों को दी जाने वाली दवाएं और उनके प्रमुख विकल्प
एजिथ्रोमाइसिन- यह दवा बाजार में एजी, एजीसिप एजोपेट 500, एजेक्स, मोजिल, आजाद, एजिलैब, जीथ्रोम आदि नाम से मौजूद हैं। इनमें से कोई भी गोली इस्तेमाल की जा सकती है।
डोलो 650- इसका फार्मूला पैरासिटामॉल 650 एमजी है। यह बाजार में कॉलपोल, क्रोसिन, पैसिमोल, पीयूसी, पैराग्रेट, एक्सटी पैरा, पायराकेम, वेलसेट आदि नामों से आती है। बाजार में इस दवा के 511 विकल्प मौजूद हैं।
जिंकोविट- इसका फार्मूला विटामिन बीकॉंम्प्लेक्स और जिंक है। बाजार में इसके विकल्प के रूप में जिंकोनिया, एटूजेड, सुप्राडाइन, बीको जिंक जी, एटूजे गोल्ड, जिंकोलैक, बीकॉसूल जेड, कोबाडेक्स जेड आदि विकल्प मौजूद हैं।
लिम्सी 500- यह विटामिन सी की गोली है। बाजार में यह सिलिन 500, बीटाक्योर सी प्लस, आदि नामों से उपलब्ध हैं।
कैल्सीरॉल- यह विटामिन डी3 है। बाजार में इसके विकल्प के रूप में डी3, अपराइज डी, टायो 60, डी राइज 60, आर्किटाल नैनो लिक्विड, विटानोवा डी3 आदि मौजूद हैं।
डॉक्सी 100- इसका फॉर्मूला डॉक्सी साइक्लिन है। यह बाजार में डॉक्सी1 एल, डॉक्स्ट एसएल, माइक्रोडॉक्स, डॉक्सीपाल, रेवीडॉक्स एलबी, डॉक्सी श्योर, लेंटेक्लिन एलबी, रेस्पीलेक्स, बायोडेक्सी एली सहित 46 वैकल्पिक नाम से मौजूद हैड्ड।
आइवरमेक्टिन- बाजार में इस दवा के 59 विकल्प मौजूद हैं। इनमें प्रमुख आइवरट्रीट, स्कैविस्टा, वरमैक्ट, आइवेल, आइवरकेम, मेक्टिन, नेक्टोल आदि हैं।
फेबीफ्लू- इसका फॉर्मूला फेवीपिराविर है। बाजार में यह दवा, फ़्लू गार्ड, आराफ्लू, फेवीगेनो, सिप्लेंजा, कोविहाल्ट, सिपविर, फॉयविर, फेवेंजा आदि नाम से उपलब्ध है। इस दवा के बाजार में 15 विकल्प मौजूद हैं।
https://shreemadgeetadarshan.blogspot.com/2021/04/covid.html?m=1
एक छोटा सा प्रयास आपको कोरोनावायरस से बचाने के लिए जानकारी अच्छी लगी हो तो अपने जानने वालों को इसका लिंक भेजे।
हरिओम सिगंल
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