मंगलवार, 1 अक्टूबर 2024

 धीरे-धीरे सब छूटता जा रहा है

 रिश्ते मतलब के रह गए हैं 

दोस्त उंगलियों में गिने जा सकते हैं 

फोन पर किसी से बात नहीं होती 

बिना मतलब के तो यहां 

कोई हाल तक नहीं पूछता 

जिंदगी बेरंग हो गई है 

और यह सच है कि इसे

 बदलने से मैं रोक भी नहीं सकता

 पहले तो रावण ने रक्षिकाओं को ही आदेश दिया कि सीता को अशोक-वाटिका तक पहुंचा आएं; किंतु बाद में जाने क्या सोचकर उसने अपना विचार बदल दिया था। ...