मंगलवार, 1 अक्टूबर 2024

 धीरे-धीरे सब छूटता जा रहा है

 रिश्ते मतलब के रह गए हैं 

दोस्त उंगलियों में गिने जा सकते हैं 

फोन पर किसी से बात नहीं होती 

बिना मतलब के तो यहां 

कोई हाल तक नहीं पूछता 

जिंदगी बेरंग हो गई है 

और यह सच है कि इसे

 बदलने से मैं रोक भी नहीं सकता

 लड़की पन्द्रह-सोलह साल की थी। खूबसूरत बेहिसाब खूबसूरत। गोरी ऐसी कि लगे हाथ लगते ही कहीं रंग ना मैला हो जाये। नैन नक्श ऐसे तीखे कि देखने वाल...