गीता ज्ञान दर्शन अध्याय 2 भाग 38

 


 श्रुतिविप्रतिपन्ना ते यदा स्थास्यति निश्चला।
समाधावचला बुद्धिस्तदा योगमवाप्स्यसि।। ५३।।

और जब तेरी अनेक प्रकार के सिद्धांतों को सुनने से विचलित हुई बुद्धि परमात्मा के स्वरूप में अचल और स्थिर ठहर जाएगी, तब तू समत्वरूप योग को प्राप्त होगा।


जैसी बुद्धि है, निश्चल नहीं है। जैसी बुद्धि है, दृढ़ नहीं है। जैसी बुद्धि है, कंपित, कंपती हुई, लहराती हुई है। जैसी बुद्धि है वह ऐसी है, जैसे तूफान और आंधी में दीए की ज्योति होती है। एक क्षण भी एक जगह नहीं; एक क्षण में भी अनेक जगह। क्षण के शुरू में कहीं होती है, तो क्षण के अंत में कहीं। एक क्षण को भी आश्वस्त नहीं कि बचेगी, बुझती-जलती मालूम पड़ती है। झोंके हवा के--और ज्योति अब गई, अब गई, ऐसी ही होती रहती है।
दो तरह की दृढ़ताएं हैं। एक दृढ़ता वह है, जिसमें मेरे भीतर कमजोरी तो मौजूद रहती है, और उसकी छाती पर सवार होकर मैं दृढ़ हो जाता हूं। और एक ऐसी दृढ़ता है, जो मेरी कमजोरी बिखर जाती है, विलीन हो जाती है, उसके अभाव में जो मेरे भीतर छूट जाती है। लेकिन उसे हम क्या कहें? उसे दृढ़ता कहना ठीक नहीं है, क्योंकि सच तो यह है कि दृढ़ता पहले वाली ही है। 
हीनता को दबाकर एक श्रेष्ठता प्रकट होती है, यह श्रेष्ठता सदा ही नीचे की हीनता पर कंपती रहती है। सदा भयभीत, सदा अपने को सिद्ध करने को आतुर, सदा अपने को तर्क देने को चेष्टारत, सदा संदिग्ध, सदा भीतर से भयग्रस्त।
और एक ऐसी भी श्रेष्ठता है--असंदिग्ध, अपने को सिद्ध करने को आतुर नहीं, अपने को प्रमाणित करने के लिए चेष्टारत नहीं, जिसे अपने होने का पता ही नहीं।


 कृष्ण जिस दृढ़ता की बात कर रहे हैं, वह प्रवंचना नहीं है, वह रूपांतरण है। लेकिन वह कब फलित होता है? वह तभी फलित होता है, वह तभी फलित होता है, जब चित्त राग और विराग से, जब बुद्धि चुनाव से, और जब मन विषयों के बीच कंपन को छोड़कर अकंप हो जाता है, जब मन इच्छाओं के बीच कंपन को छोड़कर अनिच्छा को उपलब्ध हो जाता है। अनिच्छा का मतलब विपरीत इच्छा नहीं, इच्छा के अभाव को उपलब्ध हो जाता है। तब वे कहते हैं कि अर्जुन, ऐसी अकंप चित्त की दशा में जीवन की संपदा की उपलब्धि है। तब चित्त दृढ़ है। तब चित्त पानी पर नहीं, चट्टानों पर है। और तब आकाश में शिखर उठ सकता है। और तब पताका, जीवन की, अस्तित्व की ऊंचाइयों में फहरा सकती है।
(भगवान कृष्‍ण के अमृत वचनों पर ओशो के अमर प्रवचन)
हरिओम सिगंल

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