सोमवार, 15 जुलाई 2024

मिसाल है राधा-कृष्ण का प्यार... 

राधा-कृष्ण की जोड़ी से हमें प्यार और जिंदगी की बहुत सी चीजें सीखने को मिलती हैं. दोनों के प्यार में समर्पण है, ठहराव है. दोनों का प्यार एक ऐसी मिसाल है जिससे आज के प्रेमी जोड़े भी बहुत कुछ सीख सकते हैं.

राधा-कृष्ण का नाम एक-दूसरे के बिना नहीं लिया जाता. दोनों का नाम एक साथ ऐसे लिया जाता है मानों यह एक ही नाम हो. राधा के बिना कृष्ण अधूरे हैं और कृष्ण के बिना राधा. दोनों की प्रेम कहानी की मिसाल दी जाती है.

आज के समय में जबकि रिश्तों में ठहराव और समर्पण खोता जा रहा है ऐसे में राधा-कृष्ण की प्रेम कहानी एक सीख है. उनके प्यार और जीवन से ये कुछ खास बातें हम सभी सीख सकते हैं.

1. पार्टनर के लिए समर्पण का भाव रखें

राधा शक्ति का अवतार मानी जाती हैं. कहा जाता है राधा, कृष्ण के प्रति पूर्ण रूप से समर्पित थीं. वृंदावन के माखन चोर जब भी बांसुरी बजाया करते थे, राधा उनकी धुन में पूरी तरह खो जाती थीं और खुद को नाचने से रोक नहीं पाती थीं.

तो आप भी अपने पार्टनर के लिए पूरी तरह समर्पित रहें, अपने हाव-भाव में अपने इस भाव को दिखाएं.

2. रिश्ते में धीरज रखें

यह माना जाता है कि राधा जो कृष्ण से उम्र में बड़ी थीं, उन्होंने तब तक अपनी आंखें नहीं खोली थी जब तक कृष्ण का जन्म नहीं हुआ था. इस तरह का प्यार दृढ़ता और धैर्य रखने से ही आता है.

यदि आपको भी अपना रिश्ता मजबूत रखना है तो छोटी- छोटी लड़ाइयों में पड़ने से बेहतर है कि शांत भाव से रहें और बातों से मसलों को सुलझाएं. रिश्ते का असली मतलब यही होता है कि आप एक-दूसरे को समझें.

3. अपने पार्टनर से शक्ति लें और उसकी ताकत बनें

भगवान कृष्ण जो पृथ्वी पर भगवान विष्णु के आठवें अवतार थे, उन्होंने राधा से शक्ति ग्रहण की थी. कृष्ण से बहुत सी गोपियां प्यार करती थीं लेकिन कृष्ण तो अपना दिल राधा पर हार बैठे थे. जब तक कृष्ण वृंदावन रहे, राधा ने हमेशा उनका साथ दिया था.

आप भी अपने पार्टनर की शक्ति बनने की कोशिश करें ना कि उनकी कमजोरी बनें. आपके प्यार में इतनी शक्ति होनी चाहिए कि जरूरत पड़ने पर आप पर्वत भी हिला दें.

4. अपने पार्टनर की आत्मा से जुड़ें

कृष्ण जब यमुना नदी के अंदर कालिया नाग का वध करने गए तब वृंदावन में सब कृष्ण की कुशलता के लिए प्रर्थना कर रहे थे. उस समय बस राधा ही थीं जो कृष्ण के लिए जान देने के लिए भी तैयार थीं.

ऐसी भावनाएं आप में तभी आ सकती हैं जब आप अपने पार्टनर के साथ दिल की गहराई से जुड़े हों. एक-दूसरे की आत्मा को छूने का प्रयास करें.

5. प्रेम में त्याग करना सीखें

सच्चे प्यार की परिभाषा को समझें. प्यार करने का अर्थ

यह नहीं होता कि आप उनके साथ ही रहें. यह राधा-कृष्ण

की कहानी से अच्छा आपको कौन समझा सकता है. जब

कृष्ण को वृंदावन छोड़ना था जब उन्हें पता था कि उन्हें

अपना सबकुछ यहीं छोड़ कर जाना होगा. वो जानते थे

कि उन्हें राधा को भी छोड़ना होगा. राधा जानती थीं

कृष्ण उनसे शादी नहीं कर पाएंगे और ना ही शारीरिक

रूप से उनके साथ मौजूद होंगे. लेकिन वो जानती थीं कि

दोनों की आत्मा एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं.

आज की जेनरेशन ये सब नहीं समझती है. आज के समय में ज्यादातर रिश्ते सिर्फ नाम के लिए हैं, रिश्तों को महसूस करना जरूरी है.

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