दुनिया में एक तिहाई बीमारियाँ डॉक्टरों द्वारा पैदा की जाती हैं। जानबूझकर नहीं - सिर्फ़ उनकी दवाइयों के कारण, जिनके दुष्परिणाम होने वाले हैं। कुछ समय के लिए वे उपयोगी हो सकती हैं, लेकिन वे आपकी केमिस्ट्री, आपके हॉरमोन, आपकी बायोलॉजी में कुछ बदलाव ला सकते हैं।
गीता का एक-एक अध्याय अपने में पूर्ण है। गीता एक किताब नहीं, अनेक किताबें है। गीता का एक अध्याय अपने में पूर्ण है। अगर एक अध्याय भी गीता का ठीक से समझ में आ जाए--समझ का मतलब, जीवन में आ जाए, अनुभव में आ जाए, खून में, हड्डी में आ जाए; मज्जा में, मांस में आ जाए; छा जाए सारे भीतर प्राणों के पोर-पोर में--तो बाकी किताब फेंकी जा सकती है। फिर बाकी किताब में जो है, वह आपकी समझ में आ गया। न आए, तो फिर आगे बढ़ना पड़ता है।
सोमवार, 15 जुलाई 2024
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
पहले तो रावण ने रक्षिकाओं को ही आदेश दिया कि सीता को अशोक-वाटिका तक पहुंचा आएं; किंतु बाद में जाने क्या सोचकर उसने अपना विचार बदल दिया था। ...
-
हिंदी में जो लोकप्रिय साहित्य की दुनिया रही है, उसमें योगेश मित्तल दशकों से सक्रिय रहे हैं। मगर उन्होंने अपने नाम से नहीं, दूसरे कई ट्रेड ...
-
जब तक काम के निसर्ग को परिपूर्ण आत्मा से स्वीकृति नहीं मिल जाती है, तब तक कोई किसी को प्रेम कर ही नहीं सकता। काम दिव्य है, डिवाइन है। ...
-
यज्ञार्थात्कर्मणोऽन्यत्र लोकोऽयं कर्मबन्धनः । तदर्थं कर्म कौन्तेय मुक्तसङ्गः समाचर ॥ ९ ॥ यज्ञ - अर्थात् एकमात्र यज्ञ या विष्णु के लिए किया...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें