बहू और बेटियों मे जो अन्तर है वो मिटाया नहीं जा सकता। बेटियों को हम डांट नहीं सकते।उनको टोक नहीं सकते।बेटियों से अपने काम के लिए नहीं कह सकते। बेटियां बुढ़ापे का सहारा नहीं हो सकतीं। बेटियां किसी की अमानत होती है। भगवान ने उनके जिम्मे कोई काम लगाया है जिसको पूरा करने के लिये वे एक नये घर आंगन की शोभा बन कर उसे संवारती है।
मेरी बहू मेरी बेटी नहीं मेरी अच्छी दोस्त,मेरा सहारा है। मेरी बहू मेरे बेटे की हमसफर बनकर मेरा दूसरा बेटा बनीं है। मेरी बहू मेरे बेटे के साथ मिलकर हमारे जीवन को खुशियों से भरने का पूरा प्रयास करती है। मेरी बहू मेरे घर की रौनक है। मेरी बहू ने मेरे बेटे की जिंदगी मे आकर उसके जीवन को भी संवारने की कोशिश की है। भगवान मेरा आशिर्वाद,मेरा प्यार सदा उस पर बनाए रखें।
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