मंगलवार, 11 अक्तूबर 2022

स्पिरुलिना

हमारे आस-पास कई ऐसी औषधीय गुणों वाली वनस्पति मौजूद हैं, जिनका इस्तेमाल हमारे स्वास्थ्य को कई तरीके से लाभ पहुंचा सकता है। इन्हीं में से एक है, स्पिरुलिना। यह एक एल्गी यानी पानी में पाई जानी वाली वनस्पति है, जिसका नाम आपके लिए नया हो सकता है, लेकिन इसका इस्तेमाल सालों से एक कारगर आयुर्वेदिक औषधि के रूप में किया जाता रहा है। 

स्पिरुलिना क्‍या है

स्पिरुलिना जल में पाई जाने वाली वनस्पति (एल्गी) है। यह ताजे पानी में पायी जाती है। इसे हरी-नीली एल्गी के नाम से भी जाना जाता है। यह अपने पोषक तत्वों और स्वास्थ्य लाभ की वजह से काफी प्रयोग में लाई जाने लगी है। इस नीले-हरे शैवाल में एक तीव्र स्वाद और गंध होती है, जो कई स्वास्थ्य लाभ पहुंचा सकता है । 

स्पिरुलिना के फायदे

इस भाग में स्पिरुलिना के लाभ बताने से पहले आपको यह बता दें कि औषधि होने के बाद भी स्पिरुलिना किसी बीमारी का इलाज नहीं है। यह महज उनके लक्षणों को कम कर सकती है। बीमारी का सटीक इलाज करवाने के लिए किसी अच्छे डॉक्टर से परामर्श करना जरूरी है। 


1. कैंसर से बचाव के लिए स्पिरुलिना टेबलेट्स

स्पिरुलिना में फाइकोसाइनिन (Phycocyanin) नामक यौगिक पाया जाता है। शोध के मुताबिक, यह यौगिक कैंसर के जोखिम को और इससे बचाव में कुछ हद तक मदद कर सकता है । शोध बताते हैं कि स्पिरुलिना शरीर में कीमोप्रिवेंटिव (Chemopreventive – कैंसर से बचाव) प्रभाव प्रदर्शित कर सकता है । वहीं, हम यह भी बता दें कि कैंसर एक घातक बीमारी है, इसका इलाज किसी घरेलू नुस्खे से संभव नहीं है। अगर कोई इस बीमारी से ग्रस्त होता है, तो डॉक्टरी उपचार करवाना अति आवश्यक है।

2. उच्च रक्तचाप करे नियंत्रित

उच्च रक्तचाप या हाई ब्लड प्रेशर एक ऐसी समस्या है, जो हृदय-रोग का कारण बन सकता है। बीपी को कम करने के लिए स्पिरुलिना का उपाय किया जा सकता है।  स्पिरुलिना में एंटीहाइपरटेंसिव गुण होते हैं, जिसके कारण यह उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक हो सकती है ।

3. हृदय के लिए है लाभकारी स्पिरुलिना कैप्सूल

ऐसे कई शारीरिक विकार हैं जो हृदय रोग का कारण बन सकते हैं, जैसे मोटापा, डायबिटीज और उच्च रक्तचाप। अगर किसी को हृदय रोग से बचना है, तो उसके कारणों को दूर करना जरूरी है। यह स्पिरुलिना टेबलेट्स की मदद से किया जा सकता है। इसमें एंटीहाइपरलिपिडेमिया (लिपिड को कम करने वाले), मोटापा एवं डायबिटीज को नियंत्रित करने वाले गुण पाए जाते हैं, जो हृदय रोग के जोखिम को कम करने में मददगार हो सकते हैं। वहीं, इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण शरीर को फ्री रेडिकल्स के प्रभाव से बचा कर हृदय रोग की आशंका को कम कर सकते हैं ।

4. मस्तिष्क स्वास्थ्य

स्पिरुलिना के फायदे में मस्तिष्क स्वास्थ्य भी शामिल है। यह दिमाग में Aβ प्रोटीन के संचय को कम कर घटती याददाश्त को रोक सकती है। स्पिरूलिना मस्तिष्क में सूजन को भी कम करने में सहायक माना गयी है। इसलिए, यह पार्किंसंस रोग (केंद्रीय तंत्रिका तंत्र का एक विकार) के उपचार में भी सहायक हो सकती है। स्पिरूलिना नए न्यूरॉन्स बनाकर न्यूरोनल घनत्व में भी सुधार कर सकती है, जिससे मस्तिष्क स्वास्थ्य बना रह सकता है ।


5. इम्यून सिस्टम

पोषक तत्वों की कमी की वजह से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली यानी इम्यूनिटी में कमी आती है। अध्ययनों के मुताबिक, स्पिरुलिना में मौजूद पोषक तत्व पोषण संबंधी कमियों को दूर कर इम्यूनिटी में सुधार कर सकते हैं। इम्यूनिटी में होने वाले बदलाव की वजह से टी-कोशिकाओं के उत्पादन में होने वाले परिवर्तन को रोकने में स्पिरुलिना सहायक है ।


6. एनीमिया

एनीमिया का मतलब रक्त में हीमोग्लोबिन या लाल रक्त कोशिकाओं में कमी होना है। एनीमिया के कारण लंबे समय तक तक कमजोरी और थकान का एहसास शरीर में रहता है । स्पिरुलिना में मौजूद आयरन और फोलेट की वजह से स्पिरुलिना टेबलेट्स लेने से लाल रक्त कोशिकाओं के हीमोग्लोबिन की मात्रा में बढ़ोत्तरी हो सकती है और इम्यून सिस्टम को मजबूती मिल सकती है।


7. पाचन शक्ति बेहतर करे

बात जब पाचन शक्ति बेहतर करने की हो, तो सबसे पहला नाम सामने आता है फाइबर। यह पाचन क्रिया मजबूत बनाते हैं और कब्ज से आराम दिलवा सकते हैं। वहीं, ये पेट में लंबे समय तक भरे रहने का एहसास बनाकर, वजन को नियंत्रित करने में भी मदद कर सकते हैं । बता दें कि फाइबर से भरपूर होने के कारण, स्पिरुलिना कैप्सूल्स का सेवन पाचन शक्ति को बेहतर बनाने के लिए किया जा सकता है ।


8. इंफ्लेमेशन से बचाव

स्पिरुलिना अपने कई गुणों के लिए जाना जाता है, जैसे इम्यूनोमॉड्यूलेटरी, एंटीऑक्सिडेंट, एंटीकैंसर, एंटीहाइपरलिपिडेमिक और एंटीडायबिटिक गुण। वहीं, इन्ही में से एक एंटी-इन्फ्लामेट्री भी है। दरअसल, इसका मुख्य घटक फाइकोसाइनिन (phycocyanin) है, जो एंटीइंफ्लेमेटरी गुणों से समृद्ध होता है। इसलिए, कहा जा सकता है कि स्पिरुलिना शरीर में इंफ्लेमेशन को रोकने व नियंत्रित करने में एक अहम भूमिका निभा सकती है । स्पिरुलिना में मौजूद एंटी इंफ्लामेशन गुण गठिया के उपचार में भी सहायक हो सकते हैं ।


9. एचआईवी

स्पिरुलिना के फायदे बताते हुए ऊपर लेख में हम जिक्र कर चुके हैं कि यह इम्यूनिटी को बढ़ा सकती है। ऐसे में ये एचआईवी के मरीज, जिनकी इम्यूनिटी काफी कमजोर हो गई है, उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली को ठीक करने में मदद कर सकती है । साथ ही इसके बढ़ते इंफेक्शन की गति को धीमा भी कर सकती है ।

10. आर्सेनिक विषाक्तता से बचाव

आर्सेनिक एक ऐसा एलिमेंट है, जो धरती के नीचे, पानी, हवा सब जगह पाया जाता है, लेकिन इसमें न तो गंध होती है और न ही कोई स्वाद । अगर इसकी मात्रा शरीर में ज्यादा हो जाती है, तो विषाक्तता यानी पॉइजनिंग हो सकती है। यहां स्पिरुलिना शरीर को आर्सेनिक से बचाने में भी मदद कर सकती है। स्पिरुलिना में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और इम्यूनिटी प्रभाव आर्सेनिक को शरीर में जमने से रोक सकते हैं ।

11. कैंडिडा के लिए

स्पिरुलिना के लाभ कई हैं। इसमें मौजूद पोषक तत्व कैंडिडा से भी बचा सकते हैं। दरअसल, कैंडिडा एक फंगस है, जो शरीर के साथ ही लगभग हर जगह मौजूद रहता है। यह इम्यून सिस्टम कमजोर होने पर संक्रमण की तरह शरीर में फैलने लगता है । स्पिरुलिना में एंटीफंगल गुण होते हैं, जो कैंडिडा होने के खतरे को कम करने में सहायक साबित हो सकते हैं ।

12. आंखों के लिए उपयोगी

जब आंखों पर अधिक प्रकाश पड़ता है, तो उससे आंखों पर ऑक्सीडेटिव तनाव का प्रभाव पड़ता है, जिससे अंधापन हो सकता है। इससे बचने के लिए स्पिरुलिना का उपयोग किया जा सकता है। दरअसल, स्पिरुलिना में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण आंखों को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के बचा सकते हैं और कम होती आंखों की रोशिन के जोखिम से बचा सकते हैं । वहीं, स्पिरुलिना आंखों से जुड़ी बीमारी जैसे मोतियाबिंद और डायबिटीज की वजह से आंखों को होने वाले नुकसान से भी बचाव का काम कर सकती है ।

13. स्किन एजिंग

स्पिरुलिना में टायरोसिन, विटामिन-ई (टोकोफेरोल) और सेलेनियम होते हैं, ये सभी तत्व चेहरे के एजिंग प्रभावों को कम करने लिए जाने जाते हैं। टायरोसिन त्वचा कोशिकाओं की उम्र बढ़ने की गति को धीमा कर सकते हैं। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट त्वचा पर झुर्रियों का कारण बनने वाले फ्री रेडिकल्स को खत्म कर सकते हैं । पानी की मदद से स्पिरुलिना पेस्ट को झुर्रियों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता हैं।

14. बालों के लिए स्पिरुलिना के फायदे

बालों का बढ़ना एकदम से रुकने की वजह शरीर में जरूरी पोषक तत्वों जैसे प्रोटीन, फैटी एसिड और आयरन की कमी भी हो सकती है । इसलिए, पोषक तत्वों का खजाना स्पिरुलिना को बालों की ग्रोथ के लिए लाभदायक माना जाता है। इसमें बालों के लिए आवश्यक पोषक तत्व मौजूद हैं, जिसके कारण यह इन तीनों की कमी को पूरा कर सकती है। इससे झड़ते बालों की समस्या से आराम मिल सकता है ।

स्पिरुलिना के पौष्टिक तत्व – 

स्पिरुलिना में पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। चलिए, स्पिरुलिना में पाए जाने वाले सभी पोषक तत्वों पर एक नजर डाल लेते हैं ।


पोषक तत्व मात्रा प्रति 100 ग्राम

जल 4.68 g

ऊर्जा 290 kcal

प्रोटीन 57.47 g

कुल फैट 7.72g

कार्बोहाइड्रेट 23.90g

फाइबर 3.6 g

शुगर 3.10 g

मिनरल

कैल्शियम 120 mg

आयरन 28.5 mg

मैग्नीशियम 195 mg

फास्फोरस 118 mg

पोटेशियम 1363 mg

सोडियम 1048 mg

जिंक 2 mg

विटामिन

विटामिन-सी 10.1 mg

थियामिन 2.38 mg

राइबोफ्लेविन 3.67 mg

नियासिन 12.82 mg

विटामिन बी-6 0.364 mg

फोलेट, डीएफई 94 µg

विटामिन ए, RAE 29 µg

विटामिन ए, IU 570 IU

विटामिन ई, (अल्फा-टोकोफेरॉल) 5 mg

विटामिन के (फाइलोक्विनोन) 25.5 µg

लिपिड

फैटी एसिड, सैचुरेटेड 2.65 g

फैटी एसिड, टोटल मोनोअनसैचुरेटेड 0.675 g

फैटी एसिड, टोटल पॉलीअनसैचुरेटेड 2.08 g

स्पिरुलिना का उपयोग

नीचे जानिए स्पिरुलिना खाने का तरीका –

स्पिरुलिना पाउडर की सीमित मात्रा को फलों के जूस में मिलाकर पी सकते हैं।

स्पिरुलिना कैप्सूल या पाउडर को खुराक के रूप में ले सकते हैं।

अगर सूखी स्पिरुलिना मिलती है, तो इन्हें स्नैक्स में टॉपिंग के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। स्नैक्स में स्पिरुलिना का इस्तेमाल संबंधी जानकारी डाइटिशियन से ले सकते हैं।

कितना खाना चाहिए : 

सामान्य तौर पर आहार पूरक के रूप में स्पिरुलिना को प्रति दिन 3 से 5 ग्राम तक ही खाना चाहिए । हालांकि, शारीरिक जरूरत के हिसाब से इसकी सटीक मात्रा जानने के लिए डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

स्पिरुलिना को लंबे समय तक सुरक्षित कैसे रखें?

स्पिरुलिना बाजार में टेबलेट और कैप्सूल के रूप में उपलब्ध है। इनकी एक्सपायरी डेट होती है, जिसके अनुसार इसका उपयोग किया जा सकता है। इसे हमेशा सूरज की रोशनी से दूर सूखी जगह पर रखना चाहिए।

स्पिरुलिना कहां से खरीदें?

स्पिरुलिना का उपयोग जानने के साथ यह जानना भी जरूरी है कि यह किस रूप में और कहां मिलती है। दरअसल, एल्गी यानी स्पिरुलिना बतौर पाउडर, गोली और कैप्सूल के रूप में बाजार में मिलती है। चाहें, तो इसे ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं । ध्यान रहे, बिना डॉक्टरी परामर्श के इसका सेवन न करें।

स्पिरुलिना के नुकसान – 

स्पिरुलिना खाने के फायदे तो हैं ही, लेकिन इसके अधिक सेवन से कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। इसलिए, स्पिरुलिना साइड इफेक्ट्स से बचने के लिए इसके सेवन से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए। आमतौर पर स्पिरुलिना खाने के बाद होने वाले कुछ मामूली प्रतिकूल प्रभाव कुछ इस प्रकार हैं 


दस्त

पेट खराब होना

पेट फूलना

एडिमा (सूजन)

सिरदर्द

मांसपेशियों में दर्द

त्वचा का लाल होना

पसीना

स्पिरुलिना के फायदे जानने के बाद अगर आप इसका सेवन करने की सोच रहे हैं, तो एक नजर स्पिरुलिना खाने के नुकसान पर भी जरूर डालें, क्योंकि किसी भी चीज की अधिक मात्रा हानिकारक साबित हो सकती है। अगर आपके मन में अभी भी स्पिरुलिना कैप्सूल को लेकर कुछ सवाल हैं, तो इसका सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श अवश्य करें। इस लेख को अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ शेयर करना न भूलें। 

https://www.stylecraze.com/hindi/spirulina-ke-fayde-aur-nuksan-in-hindi/



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