शनिवार, 8 अक्तूबर 2022

मंजिष्ठा

 औषधीय गुण वाले अनगिनत पेड़, पौधे और जड़ी बूटियों का वरदान प्रकृति ने मनुष्य को दिया है। इसलिए, स्वस्थ जीवन का राज प्रकृति की गोद में ही छिपा हुआ है। बस जानकारी के अभाव में हम अपने आसपास मौजूद इन जडी-बूटियों को अनदेखा कर देते हैं। ऐसी ही जड़ी-बुटियों में से एक है मंजिष्ठा। संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए मंजिष्ठा जड़ी-बूटी का इस्तेमाल किया जा सकता है।

मजीठ पौधे की जड़ को मंजिष्ठा कहा जाता है। मजीठ का वैज्ञानिक नाम रूबिया कॉर्डिफोलिया एल (Rubia cordifolia L) है। रूबिया कॉर्डिफोलिया को इंग्लिश में कॉमन मैडर या इंडियन मैडर के नाम से भी जाना जाता है। यह कॉफी परिवार रूबिएसी (Rubiaceae) से संबंधित फूलों वाले पौधे की एक प्रजाति है। इसकी खेती जड़ों से प्राप्त होने वाले लाल पिगमेंट यानी मंजिष्ठा के लिए की जाती है। इसे आयुर्वेदिक प्रणाली में मूल्यवान औषधीय पौधा माना जाता है और इस जड़ी-बूटी का इस्तेमाल कई रोगों से निजात पाने और शारीरिक समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है।

मंजिष्ठा के फायदे 

1. वजन

लोग मंजिष्ठा की चाय व काढ़ा बनाकर वजन घटाने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं, लेकिन मंजिष्ठा का वजन कम करने से संबंधित कोई वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद नहीं है। हां, अगर आपका वजन डायबिटीज की वजह से बढ़ रहा है, तो इसका इस्तेमाल करने से आपका वजन जरूर कम हो सकता है। इसमें मौजूद एंटी-डायबिटीक गुण मधुमेह को कम करने के साथ ही इसकी वजह से बढ़ रहे आपके वजन पर रोक जरूर लगा सकता है ।

2. कैंसर

मंजिष्ठा की जड़ में एंटी कैंसर गतिविधियां पाई गई हैं। इसलिए, माना जाता है कि इसका इस्तेमाल करने से आप खुद को प्राणघातक कैंसर से बचा सकते हैं। यह कैंसर के सेल्स को बढ़ने से रोकता है । वैसे तो एंटी-कैंसर गुण सभी तरह के कैंसर संबंधी सेल्स को खत्म करने का काम कर सकते हैं, लेकिन एक शोध में इसे खासकर पेट संबंधी कैंसर में उपयोगी पाया गया है। दरअसल, इसमें मोलुगिन (Mollugin) नामक सक्रिय यौगिक मौजूद होता है, जो कोलन कैंसर अणुओं को सक्रिय होने से रोकता है ।

3. डायबिटीज

मंजिष्ठा डायबिटीज को भी ठीक करने में मदद कर सकता है। दरअसल, इसमें एंटीडायबिटिक गतिविधि पाई जाती हैं, जो रक्त शर्करा के स्तर को कम करती है। यह सीरम कोलेस्ट्रोल और ट्राइग्लाइसराइड (triglyceride) नामक वसा के स्तर को भी कम करने में मदद करता है ।

4. इम्यूनिटी

एक शोध में पूरे मजीठ के एथोनोलिक अर्क पर परीक्षण किया था, जिसमें प्रतिरक्षा से संबंधित गुणकारी गतिविधि पाई गई। दरअसल, मंजिष्ठा में मौजूद एल्केलाइड्स, कार्डियक ग्लाइकोसाइड्स, टैनिन, फ्लेवोनोइड्स और फिनोल कंपाउंड इम्यूनो-मॉड्यूलेशन के लिए जिम्मेदार होते हैं। इम्यूनो-मॉड्यूलेशन का मतलब है कि यह प्रतिरक्षा प्रणाली की प्रतिक्रिया को शरीर की जरूरत के हिसाब से बदलता है। ऐसे में कहा जा सकता है कि मंजिष्ठा का इस्तेमाल प्रतिरक्षा बढ़ाने के लिए किया जा सकता है । आप इसका काढ़ा बनाकर पी सकते हैं या चूर्ण के रूप में इसका सेवन कर सकते हैं।

5. अर्थराइटिस

मंजिष्ठा में एंटी-अर्थराइटिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी दोनों ही गुण पाए जाते हैं। दरअसल, मंजिष्ठा में रूबिमालिन (rubimallin) तत्व होता है, जो एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रभाव प्रदर्शित करता है । इसलिए, मंजिष्ठा के सेवन से अर्थराइटिस के दर्द के साथ ही सूजन की समस्या भी कम की जा सकती है। ऐसे में आप इसका इस्तेमाल अर्थराइटिस की समस्या से निपटने के लिए कर सकते हैं।

6. ट्यूमर

मंजिष्ठा का सेवन आपको ट्यूमर से भी बचा सकता है। इसमें मौजूद बाइसाइकलिक हेक्सापेप्टाइड्स (Bicyclic hexapeptides) यौगिक में एंटीट्यूमर गतिविधि पाई जाती है। इसलिए, आप इसके चूर्ण या मंजिष्ठा को पानी में उबालकर पी सकते हैं ।


7. मासिक धर्म में दर्द

परंपरागत रूप से मंजिष्ठा का इस्तेमाल मासिक धर्म में होने वाले दर्द से राहत पाने के लिए भी किया जाता है। माना जाता है कि मंजिष्ठा मासिक चक्र के दौरान महिलाओं को होने वाले अधिक रक्तप्रवाह को रोकने में मदद करता है ।

8. प्रजनन क्षमता (बांझपन)

महिलाओं में प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में भी मंजिष्ठा का इस्तेमाल प्राचीन समय से किया जाता रहा है। अगर महिलाओं में बांझपन की समस्या सर्वाइकल म्यूकस (Cervical mucus) की वजह से है, तो मंजिष्ठा का सेवन करने से यह समस्या दूर हो सकती है। सर्वाइकल म्यूकस गर्भाशय से डिस्चार्ज होने वाला द्रव या जेल होता है। कई बार हार्मोनल असंतुलन के कारण उपजाऊ सर्वाइकल म्यूकस नहीं बनते हैं, जिस कारण बांझपन की समस्या उत्पन्न होती है । वहीं, यह पुरुषों की यौन क्षमता को बढ़ाने के लिए भी उपयोग में लाया जाता है। यह वरस्य (Varsya) यानी पुरुषों की प्रजनन ग्रंथि (टेस्टिस- testis) को सक्रिय कर टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है । दरअसल, टेस्टोस्टेरोन की मदद से शुक्राणुजनन और प्रजनन क्षमता में विकास करने में मदद मिलती है ।

9. पथरी

मंजिष्ठा के फायदे यकीनन कई हैं। आयुर्वेद में औषधि के रूप में इस्तेमाल होने वाले मंजिष्ठा का उपयोग आप ब्रोंकाइटिस व गठिया के साथ ही पथरी के उपचार में भी कर सकते हैं। यह गुर्दे (किडनी) और पित्ताशय की थैली की पथरी को दूर करने में लाभकारी माना जाता है। फिलहाल, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इसका कौन-सा गुण पथरी को होने से रोकता है ।

10. बुखार

मंजिष्ठा को बुखार ठीक करने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है । दरअसल, इसमें मौजूद एंटी-वायरल गुण बुखार से आपको राहत दिलाने में मदद कर सकता है । एंटी-वायरल गुण बुखार उत्पन्न करने वाले वायरस को नष्ट करके आपको राहत दिलाता है।


11. स्किन

मंजिष्ठा का उपयोग त्वचा संबंधी रोगों को दूर करने के लिए भी किया जाता है । साथ ही इसमें त्वचा की रंगत सुधारने और त्वचा पर पड़े काले धब्बों को दूर करने के लिए भी किया जाता है। यह ब्लड प्यूरीफाई करने में भी मदद करता है। साथ ही इसका मैथेनॉलिक अर्क आपकी त्वचा पर बतौर स्किन वाइटनिंग एजेंट काम करता है । साथ ही इसमें एंटी-एक्ने गुण भी होता है, जो चेहरे को कील-मुंहासों से बचाता है ।

12. बालों के लिए

मंजिष्ठा में बालों को रंग देने का गुण होता है। इसलिए, इसका इस्तेमाल बतौर हेयर डाई भी किया जाता है । दरअसल, मंजिष्ठा में मौजूद पुरपुरिन और मुंजिस्टिन बतौर कलरिंग एजेंट काम करते हैं, जो बालों को रगने में सहायक साबित होते हैं ।


मंजिष्ठा के फायदे के बाद हम आपको मंजिष्ठा का उपयोग किस-किस तरीके से किया जा सकता है, यह बता रहे हैं।

मंजिष्ठा का उपयोग 

मंजिष्ठा का उपयोग आप इन तरीकों से कर सकते हैं:


पानी में उबालकर इसका काढ़ा तैयार करके पी लें।

इसका चूर्ण बनाकर भी आप सीधे खा लें।

मंजिष्ठा चूर्ण को आप पानी में मिलाकर भी पी सकते हैं।

मंजिष्ठा को सीधे मुंह में रखकर चूसा भी जा सकता है।

यह कड़वा कड़वा है इसलिए इसे स्वाद को बढ़ाने के लिए शहद के साथ लिया जाता है।

कुछ लोग मंजिष्ठा चूर्ण को खाने में डालकर भी खाते हैं।

मंजिष्ठा के नुकसान

मंजिष्ठा का आयुर्वेद में बतौर औषधि इस्तेमाल किया जाता है। इसलिए, मंजिष्ठा के नुकसान न के बराबर हैं। नीचे हम आपको इसके कुछ संभावित नुकसान बताएंगे।

मंजिष्ठा में कलरिंग एजेंट होते हैं । इसलिए, माना जाता है कि इसके सेवन से पेशाब के रंग में बदलाव हो सकता है।

गर्भवती और जो स्तनपान कराती हैं, वे इसका सेवन न करे या डॉक्टरी सलाह के बाद भी करें। तो डॉक्टर की सलाह पर ही इसे उपयोग में लाएं।

मंजिष्ठा ऐसी जड़ी-बूटी है, जिसका इस्तेमाल आप बेहिचक कर सकते हैं। लेख पढ़कर तो आपको पता चल ही गया होगा कि इसके नुकसान न के बराबर हैं, तो बस स्वास्थ्य लाभ के लिए आज से ही इसे अपनी दिनचर्या में औषधि के रूप में शामिल कर लें।

नेट पर उपलब्ध जानकारी पर आधारित 




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