7. जो व्यवहार आपको दूसरों से अपने लिए पसंद ना हो, ऐसा व्यवहार दूसरों के साथ भी ना करें।
8. हे पार्थ, तुम फल की चिंता मत करो, अपना जरुरी कर्म करते रहो, मै फल जरूर दुंगा।
9. तुम्हारे साथ जो हुआ वह अच्छा हुआ, जो हो रहा है वो भी अच्छा है और जो होगा वो भी अच्छा होगा।
10. जीवन का आनंद ना तो भूतकाल में है और ना भविष्यकाल में। बल्कि जीवन तो बस वर्तमान को जीने में है।
11. मन की शांति से बढ़कर इस संसार में कोई भी संपत्ति नहीं है।
12. जो व्यक्ति मन को नियंत्रित नहीं करते, उनके लिए मन शत्रु के समान कार्य करता हैं।
13. जो लोग बुद्धि को छोड़कर भावनाओं में बह जाते हैं, उन्हें हर कोई मुर्ख बना सकता हैं।
14. कोई भी इंसान अपने जन्म से नहीं, बल्कि अपने कर्मो से महान बनता है।
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